बिहार में उपचुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य में साम्प्रदायिक दंगों का माहौल बना रहा। जिसके चलते राज्य के कई शहरों और गाँवों में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। हिंसा के चलते काफी नुक्सान भी हुआ। बिहार में सत्तारूढ़ नीतीश सरकार ने सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित हुए राज्य के समस्तीपुर जिल में स्थित गुदरी मस्जिद और जियाल-उलुम मदरसे की मुरम्मत के लिए 2 लाख रुपए दिए हैं। इन दोनों के ही इंफ्रास्ट्रक्चर को दंगों के दौरान नुकसान पहुंचाया गया था।
गृह मंत्रालय जिसका कार्यभार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है उन्होंने 2,13,700 रुपए मुरम्मत कार्य के लिए आवंटित किए हैं। इसके साथ औरंगाबाद में रामनवमी के दौरान निकाले गए जुलूस में जिन लोगों की दुकानों को आग लगा दी गई थी, उन्हें सरकार ने 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया है। वहीँ नवादा में 6 दुकानों को आग लगा दी गई थी जिसके लिए 8.5 लाख रुपए जारी किए गए हैं। नवादा में हनुमान की मूर्ति को तोड़ने के बाद दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई थी।
राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी पर इन दंगों को कराने के आरोप लग रहे हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सफाई दी है। उन्होंने ने शराबबंदी को लेकर बयान देते हुए कहा कि उन्हें वोट की नहीं बल्कि वोटरों की चिंता है। इसपर उन्होंने कहा कि अगर हमसे गुस्सा हैं तो मुझे बर्बाद कर दीजिए, लेकिन शराबबंदी का विरोध तो मत कीजिए।
उन्होंने कहा- कुछ लोग गरीबों के हिमायती बनते हैं और गरीबों के खिलाफ ही अभियान चलाते हैं। शराब से सबसे ज्यादा प्रभावित केवल गरीब ही होते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि समाज को बदलने के लिए शराबबंदी का साथ दीजिए और धंधेबाजों को पकड़वाइए। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। दरअसल राज्य में शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार अक्सर विपक्ष के निशाने पर रहती है।