बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंंसा के लिए सरकार की नाकामी को जिम्मेदार बताया है। बता दें कि हरियाणा में भाजपा की सरकार है और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हैं। स्वामी का कहना है कि यह पूरी तरह प्रशासनिक विफलता का नतीजा है, हिंंदुत्व के उभार का नहीं।
संसद ने सोमवार को विवादास्पद ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को मतविभाजन के बाद मंजूरी दे दी। यह विधेयक दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 131 जबकि इसके खिलाफ 102 मत पड़े। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
इस बिल को लोकसभा में पेश करते वक्त केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि केंद्र को दिल्ली के संबंध में कानून बनाने का अधिकार है। शाह ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा था कि संसद को दिल्ली से जुड़े किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है। इतना ही नहीं, अमित शाह ने ये भी दावा किया था कि जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. अंबेडकर ने भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का विरोध किया था।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि किसी के लिए यह बिल गलत हो सकता है, लेकिन मेरे लिए यह सही है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत कि यह मामला कोर्ट में लंबित है और इस पर सदन में बिल नहीं आ सकता। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो लंबित है वह अध्यादेश की वैधता है, और दो प्रश्न संविधान पीठ को भेजे गए हैं और इसका सदन में बहस से कोई लेना-देना नहीं है।