मणिपुर हिंसा और दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले को लेकर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी मणिपुर हिंसा हो लेकर निशाना साधा गया है। मणिपुर मामले में पीएम मोदी के मौन होने के बाद सामना में सवाल करते हुए लिखा गया कि कश्मीर फाइल्स की तरह ही क्या अब बीजेपी मणिपुर फाइल्स बनाकर देखेगी?
शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया है कि बीते कुछ समय में ताशकंद फाइल्स, महिलाओं का केरल में धर्मांतरण, उनका आइसिस नामक आतंकी संगठन से कनेक्शन आदि को लेकर द केरल स्टोरी बनाई गई। इसके अलावा कश्मीर में आतंकी कार्रवाइयों को लेकर ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म एक एजेंडे की तरह निर्माण की गईं।
आगे लिखा है कि ये टोली अब मणिपुर की हिंसा पर भी ‘मणिपुर फाइल्स’ फिल्म बनाए। केरल स्टोरी का ‘पब्लिक शो’ लगाने वाली बीजेपी मणिपुर फाइल्स का इसी तरह से सार्वजनिक शो दिखाने की हिम्मत करेगी क्या? प्रधानमंत्री ‘मणिपुर फाइल्स’ फिल्म देखने का साहस दिखाएंगे क्या?
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाई। दो महिलाओं को नग्न करने का फुटेज परेशान करने वाला है और केंद्र और राज्य सरकारों को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। अन्यथा अदालत हस्तक्षेप करेगी, अदालत ने चेतावनी दी और प्रधानमंत्री को मणिपुर हिंसा पर अपनी 80 दिन की चुप्पी तोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
सामना में एनसीपी से बगावत कर एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हुए अजित पवार पर भी इशारों में हमला किया किया। लिखा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर कांड के कुकर्मियों को बिल्कुल भी माफ नहीं किया जाएगा। अब माफ नहीं करेंगे मतलब क्या? भ्रष्टाचारियों को माफ नहीं करेंगे, यह मोदी की गारंटी है। पीएम मोदी ने यह दावा किया था। दूसरे ही दिन कई कद्दावर भ्रष्टाचारियों को उन्होंने भाजपा में शामिल करके मंत्री बना दिया। इसलिए प्रधानमंत्री की बातों को कितनी गंभीरता से लें?