जम्मू-कश्मीर: कठुआ गैंगरेप मामले में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को चार्जशीट दायर करने से रोकने की कोशिश करने वाले वकीलों के ख़िलाफ़ मंगलवार को एफ़आईआर दर्ज की गई। इस बात की जानकारी देते हुए डीजीपी शेष पॉल ने कहा कि इनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
जिन वकीलों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है वे क्राइम बांच के अधिकारियों को अदालत में दाखिल होने से रोक रहे थे। ‘क्राइम ब्रांच वापस जाओ’ के नारे लगा रहे थे। वकीलों के विरोध को देखते हुए अधिकारियों की मदद के लिए यहां पुलिस बुलानी पड़ी। जिसके बाद अधिकारी अदालत में दाखिल हो सके।
भारी विरोध के बावजूद अधिकारियों ने इस मामले में आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ़ चार्जशीट दायर की। इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) भी हैं। मामले में दो पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक सब-इंस्पेिक्टार पर शुरुआती जांच के दौरान सबूत मिटाने का आरोप है।
क्राइम ब्रांच ने अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट में इस बात का ख़ुलासा किया है कि वारदात को खानाबदोश जनजातियों में डर पैदा करने और उन्हें कठुगआ से बाहर करने के लिए अंजाम दिया गया।
बता दें कि बखेरवाल जनजातीय समुदाय की आठ साल की लड़की आसिफा बानो का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से बरामद किया गया था।। वह करीब एक सप्ता ह पहले जंगल में घोड़ों को चराने गई थी, जिसके बाद से लापता थी।
सरकार ने 23 जनवरी को यह मामला राज्यी पुलिस के क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था। आरोप है कि लड़की को बंधक बनाकर एक मंदिर में रखा गया और उसे ड्रग देकर तीन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया, जिनमें से एक किशोर भी है।