आरक्षण के विरोध में आज सवर्णों द्वारा बुलाए गए कथित तौर पर ‘भारत बंद’ के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से सतर्क रहने को कहा है।
केंद्र मंत्रालय ने सीधे तौर पर आदेश दिए हैं कि इस दौरान अपने क्षेत्र में होने वाली हिंसा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। केंद्र ने इसके साथ ही राज्यों को सुरक्षा-व्यवस्था के मजबूत इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस बंद के समर्थन में राज्यस्थान का एक छोटा संगठन सर्व समाज सामने आया है। संगठन ने बंद के समर्थन में एक नोटिस भी जारी किया है।
इसके साथ ही सभी सरकारी कर्मचारियों को कथित तौर पर बुलाए गए बंद में हिस्सा ना लेने की सलाह दी गई है। वहीँ इस दौरान बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान और बिहार में कई जगहों पर इस कथित भारत बंद के चलते हिंसा की खबर सामने आ रही है। कई इलाकों में इसके चलते धारा 144 लागू कर दी गई है।
बिहार के कई जिलों में आरक्षण विरोधी जोरदार प्रदर्शन। प्रदर्शनकारी लगा रहे हैं आरक्षण हटाओ, देश बचाओ के नारे लगाए जा रहे हैं। आरा, बेगुसराय, पटना में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरकर आगजनी और गोलियां चला रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और इलाहबाद में धारा -144 लागू की जा चुकी है, मेरठ, मथुरा और अन्य इलाकों में हिंसा की आशंका के चलते दुकाने बंद रखी गई हैं। इसके साथ राजस्थान में भी धारा १४४ लागू है। वहीँ मध्यप्रदेश के भिंड और मुरैना में कर्फ्यू लगाया गया है, ग्वालियर में स्थिति तनावपूर्ण भी हुई है। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम करने के दावे किये हैं।
आपको बता दें कि दो अप्रैल को हुए (एससी/एसटी) के भारत बंद के दौरान हुए संघर्ष के विरोध में सोशल मीडिया पर विभिन्न आरक्षण विरोधी संगठनों ने 10 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया था। हालांकि इस बंद की आधिकारिक तौर पर किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।